जिन लोगों की हथेली में गुरु पर्वत उभरा हुआ और सुंदर दिखाई देता है,
वे लोग अपने कार्य क्षेत्र में शिखर तक पहुंच सकते हैं। ऐसे लोगों की
नेतृत्व क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। गुरु पर्वत इंडेक्स फिंगर (तर्जनी
उंगली) के नीचे स्थित होता है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, इस पर्वत से
व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और भाग्य संबंधी बातें मालूम की
जा सकती हैं।
सभी लोगों की हथेली में पर्वत क्षेत्रों की स्थिति अलग-अलग होती है।
हथेली में गुरु पर्वत के साथ ही शनि, सूर्य, बुध, शुक्र, चंद्र और मंगल
पर्वत भी होते हैं। ये सभी पर्वत अलग-अलग बातों की भविष्यवाणी करते हैं।
कुछ लोगों के हाथों में ये पर्वत उभरे होते हैं तो कुछ लोगों के हाथों में
दबे हुए होते हैं। कुछ लोगों को हाथों में इन पर्वतों की स्थिति सामान्य
होती है। हथेली में उभरे हुए पर्वतों को शुभ माना जाता है, जबकि दबे हुए या
पर्वत क्षेत्रों पर गड्ढा हो तो ये अशुभ होता है। सामान्य स्थिति के पर्वत
सामान्य फल ही देते हैं।
दि गुरु पर्वत पर खड़ी रेखाएं होती हैं तो ये शुभ फल देती हैं। इन
रेखाओं के कारण व्यक्ति अच्छा प्रबंधक भी बन सकता है। यदि गुरु पर्वत पर
आड़ी रेखाएं या रेखाओं के जाल का निशान दिखाई देता है तो ये अशुभ होता है।
इससे गुरु पर्वत के शुभ फल भी कम हो जाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली मोटी है, भरी हुई है और गुलाबी रंग की
दिखाई देती है तो व्यक्ति ऊर्जावान हो सकता है। यदि हथेली का रंग सफेद या
पीला दिखाई देता है तो ये ऊर्जा की कमी और कमजोरी की निशानी है।
गुरु पर्वत पर तारे का निशान हो या रेखाओं से बने त्रिकोण या त्रिशूल का चिह्न दिखाई देता है तो व्यक्ति अच्छा बॉस बन सकता है।
गुरु पर्वत पर कोई जाली या धब्बा हो तो ये व्यक्ति की कमजोर नेतृत्व क्षमता की निशानी है।
जिन लोगों की हथेली में गुरु पर्वत उभरा हुआ होता है और उस खड़ी रेखाएं भी
होती हैं तो वे लोग धर्म के कार्यों में लगे रहते हैं। इन्हें भाग्य का भी
साथ मिलता है। यदि गुरु पर्वत ज्यादा ही उभरा दिखाई दे तो ऐसे लोग धर्म के
मामले में कट्टरपंथी भी हो सकते हैं।
ज्यादा उभरा हुआ गुरु पर्वत शुभ नहीं होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है और दूसरों को अधिक महत्व नहीं देता है।
सामान्य स्थिति तक उभरा हुआ गुरु पर्वत व्यक्ति को संवेदनशील और विनम्र बनाता है। ऐसे लोगों दूसरों के सुख के लिए भी काम करते हैं।
यदि गुरु पर्वत पर गड्ढा दिखाई देता है तो व्यक्ति भाग्य का साथ प्राप्त नहीं कर पाता है। साथ ही, ऐसे लोग दूसरों के अधीन रहकर ही काम करते हैं। पर्वत क्षेत्रों पर गड्ढा हो तो पर्वत के सभी शुभ लक्षण खत्म हो जाते हैं।
ज्यादा उभरा हुआ गुरु पर्वत शुभ नहीं होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है और दूसरों को अधिक महत्व नहीं देता है।
सामान्य स्थिति तक उभरा हुआ गुरु पर्वत व्यक्ति को संवेदनशील और विनम्र बनाता है। ऐसे लोगों दूसरों के सुख के लिए भी काम करते हैं।
यदि गुरु पर्वत पर गड्ढा दिखाई देता है तो व्यक्ति भाग्य का साथ प्राप्त नहीं कर पाता है। साथ ही, ऐसे लोग दूसरों के अधीन रहकर ही काम करते हैं। पर्वत क्षेत्रों पर गड्ढा हो तो पर्वत के सभी शुभ लक्षण खत्म हो जाते हैं।
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