Tuesday, 29 December 2015

हथेली पर चतुष्कोण

हथेली पर जिस किसी भी रेखा के साथ या पर्वत पर चतुष्कोण बनता है। उस रेखा या पर्वत से संबंधित शुभ परिणामों को बढ़ाने वाला माना गया है। साथ ही टूटी रेखाओं के दोष को कम करने वाला माना गया है। हथेली पर चतुष्कोण की उपस्थिति हर तरीके से शुभ फल को बढ़ाने वाली होती है।
हथेली पर एक स्थान ऐसा भी जहां चतुष्कोण होने से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वो स्थान है शुक्र पर्वत। शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण अच्छा नहीं माना गया है। चतुष्कोण से शुक्र पर्वत पर क्या परिणाम होते हैं? इसका बारे में जानेंगे। चतुष्कोण के रेखाओं पर क्या परिणाम होते हैं, जानते हैं इसके बारे में

चतुष्कोण की आकृति

हथेली पर चतुष्कोण चार भुजाओं वाली एक चौकोर आकृति है। चार रेखाओं से बनने वाली ये आकृति टेड़ी-मेड़ी अलग-अलग लम्बाई व चौड़ाई वाली हो सकती है। चतुष्कोण की हथेली पर स्थिति कई प्रकार की परेशानियों से बचा सकती है।
 हथेली पर चतुष्कोण की उपस्थिति का फल
यदि हथेली की कोई रेखा सही स्थिति में है और उस पर चतुष्कोण है तो यह उस रेखा से प्राप्त होने वाले शुभ परिणामों को अधिक बढ़ा देता है। यदि रेखा टूटी हुई है तो यह उसके बुरे प्रभावों को कम करने वाला होता है। साथ ही उस रेखा से होने वाले दुष्परिणामों को बदल भी सकता है।
 जीवन रेखा पर चतुष्कोण का फल
लंबी जीवन रेखा पर चतुष्कोण की उपस्थिति उम्र को बढ़ाने वाली मानी गई है। यदि जीवन रेखा टूट रही हो और उस पर चतुष्कोण की उपस्थिति हो जाए तो यह शारीरिक तकलीफों को कम कर सकता हैं।
 हथेली पर नीले, काले या लाल बिंदु के पास चतुष्कोण
यदि हथेली पर कहीं नीले, काले या लाल बिंदु का निशान हो और यदि उसके पास कहीं चतुष्कोण बन रहा हो तो यह विस्फोटक पदार्थों से शरीर की सुरक्षा करता है।

विवाह रेखा पर चतुष्कोण होने से जीवनसाथी के कष्टों को कम करता है

किसी भी हथेली में विवाह रेखा सीधी जाती हुई दिखाई देती है। यह रेखा सबसे छोटी अंगुली के नीचे बुध पर्वत पर स्थित होती है। यदि विवाह रेखा सीधी न चलकर नीचे की ओर झुक रही हो या आकार में गोल हो रही हो। यह स्थिति जीवनसाथी के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी गई है।
विवाह रेखा में दोष हो और उस पर चतुष्कोण बन जाए तो जीवनसाथी के जीवन से जुड़ी परेशानियों में राहत प्रदान करता है।
 भाग्य रेखा पर चतुष्कोण
हथेली में भाग्य रेखा के टूटे होने से बनते कार्योंं में रुकावटें आती हैं। ऐसे में चतुष्कोण भाग्य रेखा के पास कहीं बन जाए तो इंसान के जीवन में आगे बढ़ने में कितनी ही दिक्कतें आए लेकिन वह सफल होता है।

मंगल ​पर्वत पर चतुष्कोण होने से शत्रु बदल सकते हैं रास्ता

मंगल पर्वत हथेली में दो जगह होता है। एक तो जीवन रेखा के ठीक नीचे अंगूठे के पास वाले स्थान पर होता है। दूसरा हृदय रेखा के ठीक नीचे मस्तिष्क रेखा के पास वाले स्थान पर होता है।

मंगल पर्वत की दबी हुई स्थिति साहस की कमी करती है। मंगल पर्वत पर चतुष्कोण होने से साहस की कमी होने पर भी हार का मुंह नहीं देखना पड़ता है। वहीं शत्रु भी अपने आप रास्ता बदल लेते हैं।

शनि पर्वत पर चतुष्कोण का निशान

शनि पर्वत के अशुभ स्थिति में होने पर झुकाव ऐसे कार्यों की ओर हो जाता है जिन्हें करने से समाज का व स्वयं का अहित हो सकता है। चतुष्कोण बुरी संगत में या गलत कार्य में झुकाव हो जाने पर बाहर निकाल लेता है। ऐसा इंसान आगे चलकर समाज के कल्याण के लिए अच्छे कार्य करने लगता है।

मस्तिष्क रेखा पर चतुष्कोण का फल

मस्तिष्क रेखा का अधिक लंबा होना मानसिक रूप से असंतोष देने वाला माना गया है। यह स्थिति जीवन में निराशा भी बढ़ा सकती है।
यदि चतुष्कोण की उपस्थिति मस्तिष्क रेखा पर हो जाए तो निराशा से उबारता है। साथ ही मानसिक रूप से संतुष्टि का भाव देता है।

हृदय रेखा पर चतुष्कोण

हृदय रेखा पर चतुष्कोण की उपस्थिति होने से ऐसा व्यक्ति में मनोबल अधिक होता है। साथ ही हृदय रेखा के अशुभ स्थिति में होने पर हृदय से संबंधी रोगों में बचाव करती है।

हथेली पर शुक्र पर्वत पर शुभ नहीं होता यह निशान, बाकी जगह करता है बचाव

हथेली पर चतुष्कोण एक ऐसा निशान हैं जिसके होने से उस स्थान से संबधित शुभ फलों में वृद्धि ही होती हैं।
शुक्र पर्वत ऐसा स्थान है जहां चतुष्कोण का पाया जाना शुभ परिणाम नहीं देता है। शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण के होने से किसी भी प्रकार की सजा या जुर्माने भरने का फल हो सकता है।

शुक्र पर्वत पर चतुष्कोण के भी दोष को दूर कर सकते हैं कई अन्य निशान

हथेली पर एक चतुष्कोण ही ऐसा निशान नहीं है कि जिसके होने से शुक्र पर्वत से संबंधी अशुभ परिणामों में वृद्धि हो। हस्तरेखा शास्त्र में ऐसे कई निशानों का वर्णन है जो कि चतुष्कोण के बुरे प्रभाव को भी बदल सकते हैं।

बदलती रहती हैं हथेली की रेखाएं भी

इंसान के कर्मों के अनुसार हथेली की रेखाएं भी बनती और बिगड़ती रहती हैं। इसलिए रेखाओं का फल भी स्थाई नहीं रहता है।

Saturday, 26 December 2015

वास्तु में कही गई इन 6 बातों पर ध्यान न रखने पर ये शादी में बाधा आ सकती है।



वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार, आपके आसपास की हर वस्तु, आपकी हर आदत आप पर अच्छा या बुरा प्रभाव डालती है। आपके आसपास फैली एनर्जी अगर अनुकूल या पॉजिटिव है तो आपकी प्रगत‌ि होगी और प्रत‌िकूल या नेगेदिव एनर्जी होने पर परेशानी आती है। यह नियम जीवन के हर क्षेत्र पर लागू होता है। शादी के लायक लोगों के लिए भी वास्तु में कुछ ऐसी बातें कही गई हैं, जिनका ध्यान न रखने पर ये शादी में बाधा आ सकती है।
ध्यान दे वास्तु में कही गई इन 6 बातों पर-
1. काले रंग के कपड़े और काले रंग की चीजों का इस्तेमाल कम करना चाह‌िए। यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
2. कुंवारे लड़कों का ब‌िस्तर इस तरह रखना चाह‌िए ताक‌ि सोते समय पैर उत्तर और स‌िर दक्ष‌िण द‌िशा में हो। सोने के इस न‌ियम की अनदेखी से बचना चाह‌िए।
3. ज‌िन कमरों में एक से अध‌िक दरवाजे हों उस कमरे में व‌िवाह योग्य लड़कों को सोना चाह‌िए। ज‌िन कमरों में हवा और रोशनी कम आते हों, उन कमरों में नहीं सोना चाह‌िए।
. जिन कमरों का रंग डार्क यानी गहरा हो, वे कुंवारे लड़के के लिए अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे लड़कों के कमरे का रंग पीला, गुलाबी होना शुभ होता है।
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार, व‌िवाह योग्य लड़कों को दक्ष‌िण और दक्ष‌िण-पश्च‌िम द‌िशा वाले कमरों में नहीं सोना चाह‌िए। इससे शादी में बाधा आती है। माना जाता है क‌ि इससे अच्छे रिश्ते नहीं आते हैं।

6. ऐसी जगह पर नहीं सोएं जहां बीम लटका हुआ द‌िखाई दे।

Tuesday, 22 December 2015

गुरु पर्वत,इस पर्वत से व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और भाग्य संबंधी बातें मालूम की जा सकती हैं।

जिन लोगों की हथेली में गुरु पर्वत उभरा हुआ और सुंदर दिखाई देता है, वे लोग अपने कार्य क्षेत्र में शिखर तक पहुंच सकते हैं। ऐसे लोगों की नेतृत्व क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। गुरु पर्वत इंडेक्स फिंगर (तर्जनी उंगली) के नीचे स्थित होता है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, इस पर्वत से व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और भाग्य संबंधी बातें मालूम की जा सकती हैं।
 
सभी लोगों की हथेली में पर्वत क्षेत्रों की स्थिति अलग-अलग होती है। हथेली में गुरु पर्वत के साथ ही शनि, सूर्य, बुध, शुक्र, चंद्र और मंगल पर्वत भी होते हैं। ये सभी पर्वत अलग-अलग बातों की भविष्यवाणी करते हैं। कुछ लोगों के हाथों में ये पर्वत उभरे होते हैं तो कुछ लोगों के हाथों में दबे हुए होते हैं। कुछ लोगों को हाथों में इन पर्वतों की स्थिति सामान्य होती है। हथेली में उभरे हुए पर्वतों को शुभ माना जाता है, जबकि दबे हुए या पर्वत क्षेत्रों पर गड्ढा हो तो ये अशुभ होता है। सामान्य स्थिति के पर्वत सामान्य फल ही देते हैं।
 दि गुरु पर्वत पर खड़ी रेखाएं होती हैं तो ये शुभ फल देती हैं। इन रेखाओं के कारण व्यक्ति अच्छा प्रबंधक भी बन सकता है। यदि गुरु पर्वत पर आड़ी रेखाएं या रेखाओं के जाल का निशान दिखाई देता है तो ये अशुभ होता है। इससे गुरु पर्वत के शुभ फल भी कम हो जाते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली मोटी है, भरी हुई है और गुलाबी रंग की दिखाई देती है तो व्यक्ति ऊर्जावान हो सकता है। यदि हथेली का रंग सफेद या पीला दिखाई देता है तो ये ऊर्जा की कमी और कमजोरी की निशानी है।
गुरु पर्वत पर तारे का निशान हो या रेखाओं से बने त्रिकोण या त्रिशूल का चिह्न दिखाई देता है तो व्यक्ति अच्छा बॉस बन सकता है।
गुरु पर्वत पर कोई जाली या धब्बा हो तो ये व्यक्ति की कमजोर नेतृत्व क्षमता की निशानी है।
 जिन लोगों की हथेली में गुरु पर्वत उभरा हुआ होता है और उस खड़ी रेखाएं भी होती हैं तो वे लोग धर्म के कार्यों में लगे रहते हैं। इन्हें भाग्य का भी साथ मिलता है। यदि गुरु पर्वत ज्यादा ही उभरा दिखाई दे तो ऐसे लोग धर्म के मामले में कट्टरपंथी भी हो सकते हैं।
ज्यादा उभरा हुआ गुरु पर्वत शुभ नहीं होता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति अहंकारी भी हो जाता है और दूसरों को अधिक महत्व नहीं देता है।
सामान्य स्थिति तक उभरा हुआ गुरु पर्वत व्यक्ति को संवेदनशील और विनम्र बनाता है। ऐसे लोगों दूसरों के सुख के लिए भी काम करते हैं।
यदि गुरु पर्वत पर गड्ढा दिखाई देता है तो व्यक्ति भाग्य का साथ प्राप्त नहीं कर पाता है। साथ ही, ऐसे लोग दूसरों के अधीन रहकर ही काम करते हैं। पर्वत क्षेत्रों पर गड्ढा हो तो पर्वत के सभी शुभ लक्षण खत्म हो जाते हैं।

Friday, 18 December 2015

भाग्यशाली बनने के लिए ध्यान रखें इन 4 बातों का

हर व्यक्ति भाग्यशाली बनना चाहता है, लेकिन कई बार बहुत मेहनत करने पर भी उनका भाग्य उदय नहीं होता। अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता हैं तो इस परेशानी को खत्म करने के लिए ये 4 बातें आपकी मदद कर सकती हैं।
भाग्यशाली बनने के लिए ध्यान रखें इन 4 बातों का-

1. मेन गेट के पास रखें पेड़-पौधे

घर या दुकान के मेन गेट से ही कई तरह की एनर्जी प्रवेश करती है। नेगेटिव एनर्जी को रोकने और पॉजीटिव एनर्जी को बढ़ाने के लिए घर या दुकान के मेन गेट के आस-पास सुंदर और खुशबूदार पौधे लगाएं। ध्यान रखें कि पौधे कांटेदार या नुकीले न हो, ऐसे पौधे नेगेटिविटी को बढ़ाते हैं।
 

2. हिंसा दर्शाते फोटो न लगाएं

घर या दुकान में कभी भी हिंसा दिखाने वाले फोटो नहीं लगाना चाहिए। खासतौर पर घर या दुकान की दक्षिण-पश्चिम दिशा में तो बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि यह कोना रिश्तों से संबंधित होता है। इसलिए, परेशानियां खत्म करके, भाग्योदय के लिए हिंसक दृश्य या हिंसक जानवरों के फोटो घर या दुकान में न लगाएं।
 

3. तिजोरी या गल्ले में लगाएं आइना

अपने घर या दुकान की तिजोरी या गल्ले में नीचे और ऊपर की ओर आइना लगाएं। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे आमदनी अधिक होती है और पैसे भी कई गुना बढ़ जाते हैं। साथ ही गल्ले में चांदी या सोना का सिक्का रखना भी बहुत अच्छा माना जाता है।
 

4. दूर करें सीढ़ी संबंधी दोष

कई बार घर या दुकान में बनी सीढ़ी भी आपकी परेशानी का कारण बन सकती है। सीधे चढ़ाव को अच्छा नहीं माना जाता, इसके बदले तिरछे या घुमावदार चढ़ाव भाग्यशाली होते हैं। यदि आपके घर ये दुकान में भी सीधे चढ़ाव हैं तो उनके नीचे छः रॉड वाला विंड चाइम लगा दे। ऐसा करने से चढ़ाव संबंधी वास्तु दोष खत्म हो जाएगा

Thursday, 10 December 2015

व्यक्ति के नाम के अल्फाबेट्स को जोड़कर भाग्यशाली अंक मालूम किया जा सकता है।

अंक ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति के नाम के अल्फाबेट्स को जोड़कर भाग्यशाली अंक मालूम किया जा सकता है। यहां जानिए कीरो की अंक विद्या के अनुसार, नाम के अल्फाबेट्स किस प्रकार जोड़े जाते हैं...
A से Z तक सभी अल्फाबेट्स के लिए अलग-अलग नंबर तय किए गए हैं। उन नबंरों को जोड़कर खास अंक मालूम किया जाता है।
जानिए अल्फाबेट्स और उनके अंक
A = 1, B = 2
C = 3, D =4
E = 5, F = 8
G = 3, H = 5
I = 1, J = 1
K = 2, L = 3
 
अल्फाबेट्स और उनके अंक
M = 4, N = 5
O = 7, P = 8
Q = 1, R = 2
S = 3, T= 4
U = 6, V = 6
W = 6, X = 5
Y = 1, Z = 7
 
मान लीजिए किसी व्यक्ति का नाम राम है।
राम नाम के अल्फाबेट्स हैं RAM
R = 2
A = 1
M = 4
2+1+4 = 7
इस प्रकार राम नाम का अंक 7 है।
 
यदि किसी व्यक्ति का नाम बड़ा है और उसके नाम के अल्फाबेट्स का जोड़ दो अंको में आ रहा है तो...
मान लीजिए किसी व्यक्ति का नाम रामशंकर है तो उसके नाम के अल्फाबेट्स होंगे RAMSHANKAR
R = 2
A = 1
M = 4
S = 3
H = 5
A = 1
N = 5
K = 2
A = 1
R = 2
2+1+4+3+5+1+5+2+1+2 = 26
2 + 6 = 8
इस प्रकार RAMSHANKAR नाम का नंबर होगा 8.
 
अंक 1- जिन लोगों के नाम के अल्फाबेट्स का जोड़ 1 आ रहा है, उनकी इच्छाएं काफी अधिक होती हैं। ये लोग अपने कार्य में आ रही सभी परेशानियों को दूर कर लेते हैं।
अंक 2- यदि नाम का जोड़ 2 आ रहा है तो व्यक्ति में कभी-कभी आत्मविश्वास की कमी होती है। जिससे वे कार्यों में परेशानियों का सामना करते हैं।
अंक 3- इस अंक वाले लोग विशेष योग्यता रखते हैं। हर काम को अपने अलग अंदाज में करना पसंद करते हैं। ये लोग अपने लक्ष्य तक कड़ी मेहनत करते हुए पहुंच जाते हैं।
 
अंक 4- जिन लोगों के नाम का जोड़ 4 आ रहा है, वे किसी व्यक्ति से आसानी से दोस्ती नहीं करते हैं। दोस्ती करते हैं तो पूरी ईमानदारी से निभाते हैं।
अंक 5- इस अंक वाले लोग बुद्धिमान होते हैं और किसी काम में जल्दी निर्णय ले लेते हैं। ये लोग उन कामों से बचते हैं, जिनमें समय अधिक लगता है।
अंक 6- नाम के अल्फाबेट्स का जोड़ 6 आ रहा है तो व्यक्ति का झुकाव अपने जीवन साथी या प्रेम की ओर अधिक रहता है। ये लोग सुख-सुविधाओं के साथ जीवन व्यतीत करते हैं।
 
अंक 7- इस अंक वाले लोग कल्पना से जुड़े हुए काम करना अधिक पसंद करते हैं। कल्पना से जुड़े काम जैसे पेंटिंग, लेखन आदि। इन लोगों की रुचि पुरानी परंपराओं में नहीं होती हैं।
अंक 8- जिन लोगों के नाम का जोड़ 8 आ रहा है, उनका झुकाव धर्म की ओर रहता है। अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं।
अंक 9- इन लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है, लेकिन शांत भी हो जाता है। ये लोग जिस काम को हाथ में लेते हैं, उसे पूरा करके ही चैन की सांस लेते हैं।

जानिए होंठों के रंग, आकार और बनावट के आधार पर स्वभाव की बातें

किसी भी व्यक्ति से मिलते समय सबसे पहले हमारी नजर उसके चेहरे पर पड़ती है और उस समय होंठों को ध्यान से देखा जाए तो उसके स्वभाव से जुड़ी कुछ खास बातें आसानी से समझ सकते हैं। सभी लोगों के होंठ अलग-अलग होते हैं। यहां जानिए होंठों के रंग, आकार और बनावट के आधार पर स्वभाव की बातें...
ज्योतिष में शरीर के लक्षणों के देखकर व्यक्तित्व और भविष्य बताने की विद्या को सामुद्रिक शास्त्र कहा जाता है। ये भी ज्योतिष का अभिन्न अंग है। सामुद्रिक विद्या के अनुसार, मनुष्य के सिर से लेकर पैर तक हर अंग के अपने कुछ लक्षण होते हैं, उसकी बनावट, आकार और रंग हमारे व्यक्तित्व के रहस्यों पर तो रोशनी डालते ही हैं। साथ ही, भविष्य भी बताते हैं। किसी भी व्यक्ति के होंठों को देखकर ये आसानी से बताया जा सकता है कि वह व्यवहार, आचार-विचार और कार्यक्षेत्र में कैसा है।
मोटे होंठ- जिस व्यक्ति के होंठ सामान्य से अधिक मोटे दिखाई देते हैं, वे क्रोधी स्वभाव के होते हैं। ये लोग छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा हो जाते हैं। गुस्से के कारण इन्हें परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। ये लोग जिद्दी भी होते हैं।
 रसिक होंठ- लाल, चिकने, कलात्मक होंठ रसिक होंठ कहलाते हैं। ऐसे होंठ वाला व्यक्ति सुंदर, कला प्रिय और अच्छे स्वभाव का होता है। रसिक होंठ वाले लोग समाज और घर-परिवार में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। ये लोग अपने कार्य क्षेत्र में उच्च शिखर तक जाते हैं और जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करते हैं।
गुलाबी होंठ- जिस व्यक्ति के होंठों का रंग गुलाबी होता है, वह व्यवहार कुशल, उदार और बुद्धिमान होता है। ऐसे होंठ वाले लोग अपने व्यवहार के बल पर सभी का मन मोह लेते हैं। इनके मित्रों की संख्या भी अधिक होती है।
 उभरे हुए होंठ- जिन लोगों के होंठ सामान्य से ज्यादा उभरे हुए दिखाई देते हैं, वे थोड़े डरपोक स्वभाव के होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कठिन परिस्थिति को हल करने का रास्ता आसानी से खोज नहीं पाते हैं।
अंदर की ओर धंसे हुए होंठ- जिस व्यक्ति के होंठ सामान्य स्थिति से अधिक अंदर की ओर धंसे हुए दिखाई देते हैं तो व्यक्ति का स्वभाव रहस्यमयी होता है। इन लोगों के मन की बात समझना काफी मुश्किल होता है। अंदर धंसे हुए होंठ वाले व्यक्ति अच्छे योजनाकार होते हैं और ये लोग अपनी योजना को गुप्त रखते हैं।
 बड़े होंठ- जिन लोगों के होंठ सामान्य से ज्यादा बड़े दिखाई देते हैं, वे अच्छे खाने के शौकीन होते हैं। सामान्यत: ऐसे लोगों को गुस्सा जल्दी आ जाता है। इनका गुस्सा जल्दी ठंडा भी हो जाता है।
संकुचित होंठ- छोटे-पतले होंठ संकुचित होंठ कहलाते हैं। यदि किसी व्यक्ति के ऐसे होंठ हैं और वे बेरंग भी दिखाई देते हैं तो व्यक्ति दिखावा करने वाला होता है। बेरंग, छोटे और पतले होंठ वाले व्यक्ति दूसरों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।
 होंठ पर तिल हो तो- यदि किसी व्यक्ति के होंठ पर तिल है तो ऐसे होंठ वाले व्यक्ति बहुत कामुक स्वभाव के होते हैं। विपरीत लिंग के प्रति इनके मन में कई तरह प्रकार के कामुक विचार चलते रहते हैं। ऐसे लोग दूसरों को बहुत जल्दी प्रभावित करने में सक्षम होते हैं।
यदि होंठ के ठीक नीचे तिल हो तो ऐसे लोग कठिन परिश्रम करते हैं और आसानी से धन लाभ अर्जित नहीं कर पाते हैं। इन्हें कठिन मेहनत के बाद भी लाभ प्राप्त होता है।

Wednesday, 9 December 2015

इस उपाय से बढ़ सकती है घर की बरकत



आप जितना कमाते हैं उतना खर्च हो जाता है तो समझ लीजिए आपके घर में बरकत नहीं है। यानी आप कितना भी कमा लें, उसमें कुछ भी बचता नहीं है। अगर आपके साथ भी ये समस्या है तो नीचे लिखा उपाय करें। इस उपाय से आपके घर में बरकत बनी रहेगी और बचत भी होने लगेगी।
उपाय
रास्ते में जाते समय या कहीं और कोई किन्नर नजर आए तो उसे अपनी इच्छा के अनुसार कुछ रुपए आदि भेंट करें। संभव हो तो उसे भोजन भी कराएं। इसके बाद उस किन्नर से आप एक सिक्का (उसके पास रखा हुआ, आपके द्वारा दिया हुआ नहीं) मांग लें। इस सिक्के को अपने गल्ले, कैश बॉक्स या धन स्थान पर रख दें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपकी सेविंग बढ़ जाएगी और साथ में इनकम भी।
परिवार में सुख- शांति के लिए उपाय
परिवार के सदस्यों में वाद-विवाद होता रहता है, लेकिन जब ये रोज होने लगे तो घर के वातावरण में अशांति फैल जाती है। कभी-कभी ये विवाद कोई बड़ी घटना का रूप भी ले लेते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए नीचे लिखा उपाय करें-
उपाय
प्रतिदिन सुबह सूर्योदय के समय घर के उस मटके या बर्तन में से एक लोटा जल लें जिसमें से घर के सभी सदस्य पानी पीते हों और उस जल को अपने घर के प्रत्येक कमरे में, घर की छत पर तथा हर स्थान पर छिड़कें। इस दौरान किसी से कोई भी बात नहीं करें एवं मन ही मन ऊँ शांति ऊँ मंत्र बोलते रहें। कुछ ही समय में आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।
रोगों से मुक्ति के लिए उपाय
भगवान शंकर अपने भक्तों को सभी सुख प्रदान करते हैं। यहां तक कि वे मरणासन्न भक्त को भी नया जीवन प्रदान कर सकते हैं। शिव हर प्रकार से अपने भक्तों आरोग्य प्रदान करते हैं। सोमवार के दिन यदि नीचे लिखा उपाय किया जाए तो रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
उपाय
किसी भी सोमवार को भगवान शिव के मंदिर में जाकर शिवलिंग का दूध एवं काले तिल से अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का ही उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊँ जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें। भगवान शिव की कृपा से आप शीघ्र ही आप रोग मुक्त हो सकते हैं।
तेज दिमाग के लिए उपाय
यदि आपकी बुद्धि प्रखर है तो आप कोई भी काम बड़ी ही सहजता से कर सकते हैं और बड़े से बड़े संकट का सामना भी आसानी से करते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपका दिमाग भी कम्प्यूटर से तेज चले तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जाप करें। इस मंत्र के जाप से बुद्धि तेज होती है।
मंत्र
सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्थ ह्रदि संस्थिते।
स्वर्गापवर्गके देवि नारायाणि नमोस्तुते।।
जाप विधि
- प्रतिदिन सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी के पौधे के सामने घी का दीया जलाएं।
- इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
- कुछ ही दिनों में आपको स्वयं के अंदर परिवर्तन महसूस होगा

मनचाही नौकरी के लिए उपाय
वर्तमान समय में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। नौकरी न होने के कारण न तो समाज में मान-सम्मान मिलता है और न ही घर-परिवार में। यदि आप भी बेरोजगार हैं और बहुत प्रयत्न करने पर भी रोजगार नहीं मिल रहा है, तो निराश होने की कोई जरुरत नहीं है। कुछ साधारण उपाय करने से आपकी इस समस्या का समाधान हो सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
उपाय
किसी शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर सवा किलो मोतीचूर के लड्डुओं का भोग लगाएं। घी का दीपक जलाएं और मंदिर में ही बैठकर लाल चंदन की या मूंगा की माला से 108 बार नीचे लिखी चौपाई का जाप करें-
चौपाई- कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होय तात तुम पाहिं।।

इसके बाद 40 दिनों तक रोज अपने घर के मंदिर में इस चौपाई का जाप 108 बार करें। शीघ्र ही आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।

Sunday, 6 December 2015

यहां जानिए छोटी उंगली के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ी खास बातें...

हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार छोटी उंगली भी स्वभाव और भविष्य से जुड़ी कई बातें बता देती है। छोटी उंगली की लंबाई, मोटाई के साथ ही इस पर बने हुए अलग-अलग निशान और रेखाओं का भी अध्ययन किया जाता है। इन छोटे-छोटे संकेतों के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य की बातें मालूम हो जाती हैं।
यहां जानिए छोटी उंगली के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ी खास बातें...
1. यदि सबसे छोटी उंगली अच्छी स्थिति में हो, सुंदर हो, भरी हुई हो, लंबी हो तो व्यक्ति दूसरों को बहुत जल्दी आकर्षित करने वाला होता है।
2. जिन लोगों की ये उंगली आगे से नुकीली होती है, वे बुद्धिमान होते हैं। ऐसे लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है।
3. छोटी उंगली सामान्य लंबाई से अधिक लंबी होने पर व्यक्ति बहुत चालक होता है। ऐसे लोग अपनी चतुराई से सफलता प्राप्त कर लेते हैं।
 4. जिन लोगों की छोटी उंगली की लंबाई सामान्य है, वे घर-परिवार और समाज में उचित मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। अपनी योग्यता के बल पर सफलता प्राप्त करते हैं।
5. ये उंगली सामान्य लंबाई से अधिक छोटी हो तो व्यक्ति नासमझी में काम बिगाड़ सकता है।
6. यदि छोटी उंगली का अंतिम भाग चौकोर दिखाई देता है तो व्यक्ति दूरदर्शी होता है। ऐसे लोग अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं।
 
7. जिन लोगों की छोटी उंगली टेढ़ी होती है, वे कई बार अयोग्य साबित हो जाते हैं। ये लोग ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। ये उंगली यदि आगे या पीछे की ओर मुड़ी हुई दिखाई देती है तो व्यक्ति बेईमान भी कर सकता है।
8. जिन लोगों की छोटी उंगली सुंदर दिखाई देती है, वे लोग सर्वगुण संपन्न होते हैं।
9. यदि छोटी उंगली और अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) दोनों बराबर हैं तो व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाला होता है। ऐसे लोग अच्छे राजनीतिज्ञ हो सकते हैं।
 10. यदि छोटी उंगली अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) की ओर झुकी हुई दिखाई देती है तो व्यक्ति अच्छा व्यापारी होता है।
11. जिन लोगों की छोटी उंगली अनामिका उंगली से थोड़ी दूर दिखाई देती है, वे अपने काम को पूरी आजादी से करना पसंद करते हैं।
12. यदि छोटी उंगली सामान्य लंबाई से अधिक छोटी है तो व्यक्ति जल्दबाजी में काम करने वाला होता है।
 13. यदि किसी व्यक्ति की छोटी उंगली का पहला भाग (ऊपर वाला हिस्सा) अधिक लंबा हो तो वह बातचीत का शौकीन होता है। इन लोगों में दूसरों को संबोधित करने की विशेष क्षमता होती है।
14. इस उंगली का दूसरा भाग (बीच वाला हिस्सा) अधिक लंबा हो तो व्यक्ति बहुत चतुर होता है। इनका व्यवहारिक पक्ष मजबूत होता है।
15. यदि छोटी उंगली का अंतिम भाग (नीचे वाला हिस्सा) अधिक लंबा हो तो व्यक्ति खरीदारी के मामले में चतुर होता है।

हथेली में मणिबंध

 हथेली की रेखाओं और बनावट का अध्ययन किया जाए तो किसी भी व्यक्ति की उम्र और कई गुप्त बातें भी मालूम की जा सकती हैं। हथेली की शुरुआत में कुछ रेखाएं आड़ी होती हैं, इन रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है। मणिबंध से व्यक्ति की उम्र और भाग्य से जुड़ी कई बातें मालूम हो सकती हैं।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध वाला हिस्सा भरा हुआ हो, यहां कलाई की हड्डी दिखाई नहीं देती हो तो यह शुभ लक्षण होता है। हथेली कलाई के साथ मजबूती के साथ जुड़ी हुई दिखाई देती है और मणिबंध भी सुंदर दिखाई देता है तो यह व्यक्ति को भाग्यशाली बनाता है।

 मणिबंध में एक रेखा हो तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध में सिर्फ एक ही रेखा हो और वह दूसरी रेखाओं से कटी हुई या टूटी हुई ना हो और कलाई के चारों ओर मणिबंध की रेखा हो और उसमें जौ आकार के यव की लड़ियां हों तो व्यक्ति को जीवन में कई उपलब्धियां हासिल होती हैं। इन्हें धन संबंधी सुख भी प्राप्त होते हैं।

उम्र- मणिबंध में एक रेखा शुभ लक्षण वाली हो तो व्यक्ति की उम्र करीब 30 वर्ष तक की हो सकती है। जबकि अशुभ लक्षण वाली मणिबंध रेखा हो तो व्यक्ति की उम्र इससे भी कम हो सकती है।
 यदि मणिबंध में तीन रेखाएं हों तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध में तीन रेखाएं हों और वे रेखाएं कहीं से टूटी हुई ना हो और कलाई के चारों ओर हों, रेखाओं में जौ के आकार की लड़ियां बनी दिखाई देती हों तो ऐसी रेखाएं व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती हैं। ऐसा मणिबंध होने पर व्यक्ति सभी सुख प्राप्त करता है।
यदि मणिबंध में तीन रेखाएं हों और वे टूटी हुई दिखाई देती हैं तो यह अशुभ लक्षण होता है। ऐसी रेखाएं जिन लोगों के हाथ में होती हैं, वे कठिन परिश्रम के बाद ही कुछ सफलता या सकारात्मक फल प्राप्त कर पाते हैं। इनके जीवन में संघर्ष अधिक होता है।
उम्र- मणिबंध में तीन रेखाएं शुभ लक्षण वाली होती हैं तो व्यक्ति की उम्र करीब 70 से 85 वर्ष तक की हो सकती है। जबकि अशुभ लक्षण होने पर उम्र में कमी आने की संभावनाएं रहती हैं।
 मणिबंध में दो रेखाएं हों तो
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध की दो रेखाएं हों, वे टूटी हुई न हों, जौ के आकार के यव वाली लड़ियां हों, कलाई के चारों और हों तो यह भी शुभ लक्षण होता है। ऐसे लोगों के जीवन में सुख-सुविधाएं रहती हैं।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध की दो रेखाएं हैं और यहां बताए गए शुभ लक्षण नहीं हैं तो वे रेखाएं यही बताती हैं कि व्यक्ति को जीवन में कठिन परिश्रम के बाद ही सफलता मिलेगी।
उम्र- मणिबंध में दो रेखाएं शुभ लक्षण वाली हों तो व्यक्ति की उम्र करीब 45 से 55 वर्ष तक की हो सकती है। जबकि अशुभ लक्षण होने पर उम्र में कमी आने की संभावनाएं रहती हैं।
 ये बातें भी हैं जरूरी
मणिबंध में शुभ रेखाओं के साथ ही सुंदर यवमाला होगी तो व्यक्ति भाग्यशाली हो सकता है। साथ ही, मणिबंध की रेखाएं कलाई के चारों ओर होंगी तो बहुत शुभ रहता है। यदि कलाई के चारों ओर मणिबंध की रेखाएं नहीं हैं तो शुभ प्रभावों में कमी आती है। मणिबंध के साथ ही हथेली में अन्य रेखाओं का अध्ययन करना भी जरूरी है। दूसरी रेखाओं के शुभ-अशुभ प्रभाव से मणिबंध के प्रभाव बदल भी सकते हैं। यदि व्यक्ति की हथेली में जीवन रेखा अच्छी स्थिति में ना हो और मणिबंध शुभ लक्षण वाला है तो व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध का हिस्सा ढीला और लटकता हुआ दिखाई देता है तो यह अशुभ लक्षण होता है। मणिबंध का हिस्सा सुंदर ना हो, हथेली और कलाई का जोड़ मजबूत दिखाई न देता हो तो यह दुर्भाग्य का सूचक है।

यदि मणिबंध में हड्डियां दिखाई नहीं देती हैं, कलाई और हथेली का जोड़ मजबूत है तो यह सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इसके विपरीत मणिबंध होने पर व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और दुर्घटना के भी योग बनते हैं।
सभी लोगों के हाथों की मणिबंध में रेखाओं की संख्या अलग-अलग होती है। किसी व्यक्ति के हाथ में मणिबंध की एक रेखा होती है, किसी के हाथ में दो या किसी व्यक्ति के हाथ में तीन रेखाएं भी होती हैं।

Saturday, 5 December 2015

पति-पत्नी के जीवन में सुख बढ़ाने वाले फेंगशुई के कुछ उपाय इस प्रकार हैं

जीवन में सुख और शांति बनी रहे, इसके लिए फेंगशुई में कई टिप्स बताई गई हैं। इन बातों को अपनाने पर पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है। पति-पत्नी के जीवन में सुख बढ़ाने वाले फेंगशुई के कुछ उपाय इस प्रकार हैं-
1. खिड़की के पास रखें पलंग
पति-पत्नी को बेडरूम में पलंग या बिस्तर खिड़की के पास नहीं लगाना चाहिए। इससे रिश्तों में तनाव और अविश्वास बढ़ता है। यदि खिड़की के पास बिस्तर लगाना पड़े तो अपने सिरहाने और खिड़की के बीच पर्दा जरूर डाल लेना चाहिए। इससे नेगेटिव रिश्तों पर बुरा असर नहीं डाल पाएगी।
2. पलंग का चादर हो ऐसा
नवदंपतियों के लिए बिस्तर (गद्दा, चादर वगैरह) भी नया होना चाहिए। यदि यह संभव हो तो कोशिश करें कि ऐसी चादर या बिस्तर बिलकुल ही प्रयोग में लाएं, जिसमें छेद हो या कहीं से कटे-फटे हो। ऐसी प्रिंट वाली चादर से बचें, जो कि लड़ाई-झगड़े या नेगेटिविटी को दर्शाती हो।
3. पलंग के नीचे रखें कुछ सामान
पति-पत्नी को पलंग के नीचे कुछ भी सामान नहीं रखना चाहिए। पलंग के नीचे की जगह को खाली रहने देंगे तो एनर्जी बनी रहती है। जिस पलंग पर दंपती सोते हों, उस पर किसी और को सोने नहीं देना चाहिए। बेडरूम में प्रवेश द्वार वाली दीवार के साथ अगर आपने अपना बेड लगा रखा है तो तुरंत हटा दें। इससे रिश्तों में तनाव बढ़ता है। पलंग हमेशा साफ-स्वच्छ रहना चाहिए। इससे रिश्ते में ताजगी बनी रहती है।
4. बेडरूम में ये चीजें नहीं रखना चाहिए
बेडरूम में कोई यंत्र टीवी, रेफ्रिजरेटर या कंप्यूटर आदि नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इनसे निकलने वाली हानिकारक तरंगें हमारे स्वास्थ्य के हानिकारक होती हैं। यदि टीवी और ये चीजें बेडरूम में रखना ही पड़े तो इन्हें किसी केबिनेट के अंदर या ढंककर रखना चाहिए। जब टीवी चल रहा हो तो केबिनेट का शटर बंद कर देना चाहिए।
5. दीवारों पर करें ऐसे रंग
रंगों का भी रिश्तों पर खासा असर होता है। बेडरूम की दीवारों के लिए हल्का गुलाबी, हल्का नीला, ब्राउनिश ग्रे या ग्रेइश येलो रंग का ही प्रयोग करेंगे तो बेहतर रहेगा। ये रंग शांति और प्यार बढ़ाने वाले है। पति-पत्नी के कमरे के लिए गहरे या काले रंग का प्रयोग जितना कम किया जाए, उतना अच्छा रहता है।