Saturday, 5 December 2015

घर में किस प्रकार के पौधे रखना चाहिए और कैसे नहीं।



वास्तु शास्त्र के अनुसार, जिस प्रकार घर का हर हिस्सा हमारे जीवन को प्रभावित करता है, उसी तरह घर में सजावट के लिए रखे गए पौधे भी हमारे जीवन पर पॉजिटिव और नेगेटिव प्रभाव डालते हैं। जाने-अनजाने में हम कई बार ऐसे पौधे अपने घर में रख लेते हैं, जिनके कारण वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है।जिसका सीधा-सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। आज हम आपको बता रहे हैं घर में किस प्रकार के पौधे रखना चाहिए और कैसे नहीं।
इस तरह लगाएं घर में तुलसी
तुलसी के पौधे को एक तरह से लक्ष्मी का रूप माना गया है। आपके घर में यदि किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी मौजूद है तो यह पौधा उसे नष्ट करके घर में धन की वृद्धि करता है। तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, घर के दक्षिणी भाग में लगा हुआ तुलसी का पौधा फायदे के बदले काफी नुकसान पहुंचा सकता है। ध्यान रखें इसे गंदे स्थान पर लगाएं, रोज तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए और उसकी पूजा भी करनी चाहिए।
इन पौधों को लगाएं घर के बाहर
खुशबूदार फूल वाले पौधे जैसे- चंपा, नागचंपा, चमेली, बेला, रातरानी आदि फूल लगाए जा सकते हैं, लेकिन इन्हें घर के बाहर ही लगाएं। वास्तु के अनुसार, इस पौधों को घर के अंदर लगाना अच्छा नहीं माना जाता। इन्हें घर के बाहर लगाने से किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी घर के अंदर प्रवेश नहीं करती है।
घर में न लगाएं कांटेदार पौधें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कांटेदार पौधे नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि कांटे नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न करते हैं। गुलाब जैसे कांटेदार पौधे लगाए जा सकते हैं, क्योंकि गुलाब खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। ध्यान रखें गुलाब के पौधे को भी घर के बाहर आंगन में न रखते हुए घर की छत पर रखें।
घर में लगाएं आर्टिफिशियल पौधे
आज-कल कई लोग सजावट के लिए आर्टिफिशियल पौधों को घर के अंदर लगाते है, लेकिन ऐसा करना सही नहीं होता। घर में नकली पौधे नहीं लगाने चाहिए, ये ऐस्थेटिक सेंस के लिहाज से अशुभ माने जाते हैं। ये धूप गंध को भी ज्यादा आकर्षित करते हैं। इसलिए आर्टिफिशियल पौधों की जगह रोज ताजे फूल घर में रखें, इससे घर का माहौल खुलहाल बना रहेगा।

शुभ माना जाता है मनी प्लांट
घर में मनी प्लांट लगाना बहुत ही शुभ होता है। ज्योतिष के अनुसार, मनी प्लांट शुक्र ग्रह का कारक है। शुक्र की उपस्थिति में पति-पत्नी के संबंध मधुर होते हैं। मनी प्लांट को घर में लगाने और उसे रोज पानी देने से घर के सदस्यों खास कर पति-पत्नी के संबधों में मिठास आती है।

बेडरूम में लगाएं पौधे
बेडरूम में किसी भी तरह के पौधे लगाने से बचना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। डाइनिंग ड्रॉइंग रूम में गमले रखे जा सकते हैं। बेडरूम में फूल या पौधे रखने से पति-पत्नी के संबंधों पर असर पड़ता है, दोनों के बीच तनाव बढ़ता है

घर और ऑफिस में रखें गुलदस्ते
घर या कार्यस्थल (दुकान ऑफिस) की पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाने के लिए गुलदस्तों में रोज ताजे फूल लगाएं। फूलों के गुलदस्ते ताजगी सौभाग्य की वृद्धि करते हैं। ध्यान रखें फूल बासी हो जाने पर उन्हें हटा कर ताजे फूल रखें मुरझाए फूल पत्तियां नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न करती हैं।

Friday, 4 December 2015

किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है



सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी को भाग्य से जोड़कर देखा जाता है। सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय कब आएगा? कब हमारे पास बहुत सारा पैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। ये एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के आधार पर भी बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब हो सकता है...
कुंडली में होते हैं 12 भाव
कुंडली में 12 भाव होते हैं। इन भावों के नाम 12 राशियों के नाम पर ही हैं। ये 12 राशियां हैं मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन। कुंडली का प्रथम यानी पहला भाव जिस राशि का होता है, उसी राशि के अनुसार कुंडली का लग्न निर्धारित होता है। लग्न के आधार पर कुंडलियां भी बारह प्रकार की होती हैं।
अपनी कुंडली के पहले भाव के आधार पर यहां जानिए किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है...
मेष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली मेष लग्न की है, सामान्यत: उनका भाग्योदय 16 वर्ष की उम्र में या 22 वर्ष की उम्र, 28 वर्ष की उम्र, 32 वर्ष की उम्र या 36 वर्ष की उम्र में हो सकता है।

वृष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली वृष लग्न की है, उनका भाग्योदय 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 36 वर्ष की आयु या 42 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।

मिथुन लग्न की कुंडली
मिथुन लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय करने वाली उम्र है 22 वर्ष, 32 वर्ष, 35 वर्ष, 36 वर्ष या 42 वर्ष। इन वर्षों में मिथुन राशि के लोगों का भाग्योदय हो सकता है।

कर्क लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली कर्क लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु, 22 वर्ष की आयु, 24 वर्ष की आयु, 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।

सिंह लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली सिंह लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में, 24 वर्ष की आयु में, 26 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
कन्या लग्न की कुंडली
कन्या लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय इन वर्षों में हो सकता है- 16 वर्ष, 22 वर्ष, 25 वर्ष, 32 वर्ष, 33 वर्ष, 35 वर्ष या 36 वर्ष

तुला लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली तुला लग्न की है, उनके भाग्य का उदय 24 वर्ष की उम्र में हो सकता है। यदि 24 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो तो इसके बाद 25 वर्ष की आयु में, 32 वर्ष की आयु में, 33 वर्ष की आयु में या 35 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।

वृश्चिक लग्न की कुंडली
वृश्चिक लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 22 वर्ष की आयु में, 24 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।


धनु लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली धनु लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
मकर लग्न की कुंडली
मकर लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में या 33 वर्ष की आयु में या 35 वर्ष की आयु में या 36 वर्ष की आयु में हो सकता है।

कुंभ लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली कुंभ लग्न की है, उनका भाग्योदय 25 वर्ष की उम्र में, 28 वर्ष की उम्र में, 36 वर्ष की उम्र में या 42 वर्ष की उम्र में हो सकता है।

मीन लग्न की कुंडली
मीन लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 33 वर्ष की आयु में हो सकता है।